शिवपुरी जिले के तेंदुआ थाना क्षेत्र के बेहरावदा गांव में 17 जनवरी को एक सिरफिरे ने मंदिर के पुजारी के सिर में कुल्हाड़ी मारकर गंभीर घायल कर दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया था। घटना के कुछ घंटे बाद जंगल में बेहरावदा गांव के ही रहने वाले एक युवक की सिर कुचली लाश मिलने से गांव में सनसनी फैल गई थी। ह्त्या किसने और क्यों की गई इसकी तलाश में चार थानाओं के प्रभारियों को लगाया गया था। पुलिस ने पड़ताल कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पड़ताल में खुलासा हुआ कि दोनों वारदातों को एक ही आरोपी ने अंजाम दिया था।
घर चाय पीने आए पुजारी पर बोल दिया था हमला -
जानकारी के अनुसार ग्राम बेहरावदा में शुक्रवार की सुबह गांव के मंदिर पर पूजा अर्चना करने वाले पुजारी वीरेंद्र शर्मा (40) को गांव के कन्हैया यादव के स्वजनों ने चाय पीने के लिए बुलाया था। वीरेंद्र शर्मा जब कन्हैया यादव के घर पहुंचे तो वहां कन्हैया यादव नहीं था, लेकिन कुछ देर बाद वह घर पर आ गया। उसने वीरेंद्र शर्मा से घर पर आने का कारण पूछा तो उन्होंने बताया कि वह बुलावे पर आए हैं। इसी बात पर कन्हैया यादव ने वीरेंद्र यादव को कुल्हाड़ी मारकर मरणासन्न कर दिया था। घटना को अंजाम देने के बाद कन्हैया यादव कुल्हाड़ी के साथ ही मौके से फरार हो गया था।
इसके बाद दोपहर 4 बजे गांव के बाहर जंगल में वीरेंद्र यादव पुत्र रतिराम यादव (30) साल का शव पड़ा मिला था। वीरेंद्र रोजाना की तरह अपनी भैसें चराने के लिए गांव के बाहर गया था। देर शाम भैसें तो घर लौट आईं लेकिन वीरेंद्र नहीं आया था। परिजन उसे तलाशते जंगल में पहुंचे थे यहां उन्हें वीरेन्द्र का शव पड़ा मिला था। वीरेंद्र यादव की ह्त्या सिर पर पत्थर पटक कर की गई थी। लेकिन ह्त्या किसने की इसका पता नहीं लग सका था।
एसपी अमन सिंह राठौड़ ने कोलारस एसडीओपी विजय यादव के नेतृत्व में थाना प्रभारी तेंदुआ विवेक यादव, थाना प्रभारी इन्दार दिनेश नरवरिया, थाना प्रभारी रन्नौद अरविन्द सिंह चौहान को मय पुलिस टीम के लगाया था। आज इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी संजीव मुले ने पुलिस कंट्रोल रूम पर बताया कि पुलिस को पुजारी पर हमला करने वाला और ह्त्या की वारदात को अंजाम देने वाले एक ही व्यक्ति पर शक था। इसके चलते पुलिस सबसे पहले कन्हैया यादव के गिरफ्तारी के प्रयास शुरू किये थे। पुलिस ने टीम कन्हैया यादव बसई के पास मंदिर से गिरफ्तार किया। कन्हैया यादव ने ह्त्या का जुर्म स्वीकारते हुए बताया कि जब वह पुजारी पर हमला करने के बाद जंगल की ओर भाग रहा था। तभी वीरेंद्र यादव ने उसे रोकने का प्रयास किया था। इस दौरान वीरेंद्र यादव ने मुंह से उसकी नाक काट दी थी। इसके चलते गुस्से में उसने पहले वीरेंद्र यादव के सिर में लाठी मारी फिर पत्थर पटक कर ह्त्या कर दी।